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Diabetic Care Capsule

Original price was: ₹3,250.00.Current price is: ₹674.00.

Details:

  • Pack of: 1
  • Form: Capsules
  • Quantity: 60 Capsules
  • Use For: Men And Women
  • Food Preference: Vegetarian
  • Treatment: Diabetes (All Types)
  • Maximum Shelf Life: 24 Months
  • Pure Ayurvedic Products, No Side Effects.
  • Take One Capsule With Warm Water Everyday After Food, Morning and Evening?
Category:

“Diabetes Care” आयुर्वेदिक कैप्सूल एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि होती है जो मधुमेह (डायबिटीज) के इलाज में मदद करने के लिए उपयोग की जाती है। यह कैप्सूल प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनाई जाती है और आयुर्वेदिक संप्रदाय के अनुसार मधुमेह के लक्षणों को कम करने और इलाज में सहायक होती है। यहां इसकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:

लाभ:

  1. मधुमेह के लक्षणों को कम करने में सहायक होती है।
  2. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  3. शरीर के विभिन्न अंगों को संतुलित रखने में सहायक होती है।
  4. प्राकृतिक रूप से शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।

इस्तेमाल का तरीका:

  1. दिन में दो बार, भोजन के बाद, उपयोग किया जाता है।

परहेज:

  1. निर्देशित मात्रा में ही इस्तेमाल करें।
  2. अधिक खुराक लेने से बचें।
  3. प्राकृतिक आहार का सेवन करें और पर्याप्त पानी पिएं।
  4. सक्रिय जीवनशैली का पालन करें और योग और व्यायाम करें।

कैप्सूल में स्तेमाल हुई जड़ी बूटी के नाम:

  1. जम्बु (Jamun)
  2. करेला (Karela)
  3. गुड़मार (Gudmar)
  4. नीम (Neem)
  5. मेथी (Methi)
  6. शिलाजीत (Shilajit)
क्या नहीं खान चाहिए और क्या खान चाहिए ?

डायबिटीज के मरीजों को उनके खाने-पीने के चुनाव में सावधानी बरतनी चाहिए। यहां कुछ खाने और न खाने योग्य आहारों की सूची दी गई है:

न खाने योग्य आहार:

  1. ऊची शर्करा और कार्बोहाइड्रेट्स: चीनी, मिठाई, शहद, शर्बत, बिस्कुट, केक, ब्रेड, आलू, चावल, आदि जैसे ऊची शर्करा और कार्बोहाइड्रेट्स वाले आहारों का सेवन करना बर्ताव करने में बहुत हानिकारक हो सकता है।
  2. अधिक तेलीय और अधिक मसालेदार आहार: तेलीय और तले हुए खाने, अधिक मसालेदार खाने, चटपटे और तीखे खाने से बचना चाहिए।
  3. प्रोसेस्ड और रिफाइंड आहार: प्रोसेस्ड और रिफाइंड आहार जैसे कि सफेद चावल, मैदा, सफेद रोटी, आदि का सेवन कम करना चाहिए।
  4. अधिक कॉफी और अल्कोहल: अधिक कॉफी और अल्कोहल का सेवन करना भी डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा नहीं होता है।

खाने योग्य आहार:

  1. प्राकृतिक फल और सब्जियां: प्राकृतिक फल और सब्जियां जैसे कि सेब, अंगूर, संतरा, गाजर, गोभी, लौकी, तरबूज, आदि का सेवन करना उपयुक्त होता है।
  2. अधिक प्रोटीन: डालें, दही, पनीर, मछली, अंडे, तूफानी, आदि के सेवन से प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
  3. अनाज और धान्य: नाज और धान्य जैसे कि ब्राउन राइस, ओट्समील, बाजरा, जो, चना, आदि का सेवन करना उपयुक्त होता है।
  4. हेल्दी फैट्स: अच्छे फैट्स जैसे कि अखरोट, बादाम, मूंगफली, अवोकाडो, तिल, आदि का सेवन करना उपयुक्त होता है।
  5. प्राकृतिक मिठाई: शहद और शक्कर के स्थान पर सेवन करने के लिए अन्य प्राकृतिक मिठाई जैसे कि स्टेविया, एरिथ्रिटोल, आदि का सेवन कर सकते हैं।

यहां दी गई सूची डायबिटीज के मरीजों के लिए सावधानियों के साथ स्वस्थ आहार के चुनाव में मदद कर सकती है।

प्रकार और लक्षण ?

डायबिटीज के विभिन्न प्रकार होते हैं और हर प्रकार के डायबिटीज के अलग-अलग लक्षण होते हैं। यहां मुख्य डायबिटीज के प्रकार और उनके लक्षणों की कुछ सामान्य जानकारी दी गई है:

1. प्रारंभिक स्थिति या प्राथमिक डायबिटीज (Type 1 Diabetes or Type 2 Diabetes):

  • प्राथमिक डायबिटीज में, रक्त शर्करा के स्तर का संतुलन बिगड़ता है और इंसुलिन निर्माण में कमी होती है, जो इंसुलिन की कमी के कारण होता है।
  • इसके लक्षण में शामिल हो सकते हैं: बहुत ज्यादा प्यास, अत्यधिक भूख, अत्यधिक थकान, तेजी से वजन कम होना, तथा शरीर में जानलेवा ग्लूकोज स्तर का बढ़ना।

2. गर्भावस्था में डायबिटीज (Gestational Diabetes):

  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को डायबिटीज का इलाज करने की आवश्यकता होती है जिसे गर्भावस्था में डायबिटीज कहा जाता है।
  • इसके लक्षण में शामिल हो सकते हैं: अत्यधिक प्यास, अत्यधिक पेशाब, थकान, तथा त्वचा में खुजली।

3. अन्य प्रकार की डायबिटीज:

  • इसमें मधुमेह के विभिन्न अन्य प्रकार शामिल होते हैं जैसे कि मोड्यूलरटाइट्स, मोनोजेनिक डायबिटीज, अन्य मधुमेह, आदि।
  • इनके लक्षण और उपचार विभिन्न होते हैं और इन्हें विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और निदान के बाद ही ठीक किया जा सकता है।

अगर आपको डायबिटीज के किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत उपचार की सलाह दी जाती है।

डायबिटीज होने का कारण ?

डायबिटीज कई कारणों से हो सकता है। यहां कुछ मुख्य कारक दिए गए हैं:

  1. आनुवांशिक: आनुवांशिक परिवारिक इतिहास एक महत्वपूर्ण कारक है। यदि किसी के परिवार में डायबिटीज के मरीज हैं, तो उन्हें ख़ुद भी डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है।
  2. अपच: अपच, विशेष रूप से अधिक वयस्कों में, डायबिटीज के विकास के लिए एक प्रमुख कारक है।
  3. शारीरिक निष्क्रियता: अधिक बैठना, कम शारीरिक गतिविधि और अलसी जीवनशैली भी डायबिटीज के लिए एक प्रमुख जोखिम हो सकता है।
  4. वजन: अत्यधिक वजन, विशेष रूप से अतिरिक्त शरीरी चर्बी, डायबिटीज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
  5. आहार: अस्वस्थ खानपान, अधिक तेल और मीठे आहार का सेवन, अलसी आदतें, और कम पौष्टिकता वाला खाना भी डायबिटीज के लिए जोखिम होता है।
  6. रक्तचाप: अधिक रक्तचाप या हाईपरटेंशन भी डायबिटीज के विकास का कारण बन सकता है।
  7. अन्य मेडिकल स्थितियाँ: कुछ और मेडिकल स्थितियाँ भी डायबिटीज के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती हैं, जैसे कि पूर्व गर्भाशय के संक्रमण, प्राथमिक किडनी रोग, और अन्य जीवनशैली संबंधित समस्याएं।

यह थी कुछ मुख्य कारण जिनके कारण डायबिटीज हो सकता है, लेकिन यह नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, और नियमित व्यायाम के माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है।

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